PCOS क्या होता हैं :::
pcos या polycystic ovarian syndrome महिलाओं से संबधित समस्या हैं,जिसमें हार्मोंन असंतुलन की वज़ह से pco में एक परिपक्व फॉलिकल बननें के स्थान पर बहुत से अपरिपक्व फॉलिकल्स बन जातें हैं.सम्पूर्ण विश्व में इस बीमारी का ग्राफ तेज़ी से बड़ रहा हैं,विश्व स्वास्थ संगठन (W.H.O) के अनुसार 13 से 25 उम्र की हर 10 में से 2 स्त्रीयाँ pcos से पीड़ित होती हैं.
PCOS ke laxan
० अण्ड़ेदानी में कई गांठे बनना.
० बार - बार गर्भपात .
० बालों का झड़ना,बाल पतले होना.
० चेहरें पर पुरूषों के समान दाड़ी मुंछ आना.
० चेहरें पर मुहाँसे, तैलीय त्वचा
० आवाज का भारी होना.
० स्तनों [Breast]का आकार घट़ना.
० पेट के आसपास चर्बी का बढ़ना.
० माहवारी के समय कमर ,पेडू में तीव्र दर्द,मासिक चक्र का एक या दो दिन ही रहना.
०मधुमेह, उच्च रक्तचाप होना,ह्रदय रोग और तनाव होना.
० चेहरें पर पुरूषों के समान दाड़ी मुंछ आना.
० चेहरें पर मुहाँसे, तैलीय त्वचा
० आवाज का भारी होना.
० स्तनों [Breast]का आकार घट़ना.
० पेट के आसपास चर्बी का बढ़ना.
० माहवारी के समय कमर ,पेडू में तीव्र दर्द,मासिक चक्र का एक या दो दिन ही रहना.
०मधुमेह, उच्च रक्तचाप होना,ह्रदय रोग और तनाव होना.
urinary tract infection के बारे में जानियें
PCOS ke karan
० आनुवांशिक रूप से स्थानांतरित होता हैं.
० अनियमित जीवनशैली जैसें कम शारीरिक श्रम,देर रात तक सोना सुबह देर तक उठना,फास्ट फूड़ ,जंक फूड़ का अत्यधिक प्रयोग.
० लेपटाप ,मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग.
० मधुमेह का पारिवारिक इतिहास होना.
० मधुमेह का पारिवारिक इतिहास होना.
PCOS treatment in Hindi
० खानें पीनें में अत्यन्त सावधानियाँ आवश्यक हैं,एेसा भोजन ले जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, ओमेगा 3 फेटीएसिड़, विटामिन ओर मिनरल भरपूर हो जैसें काजू,बादाम,अखरोट़,सोयाबीन उत्पाद,हरी सब्जियाँ ,दूध ,फल ,अंड़े आदि.
० डाँक्टर ऐसी दवाईयाँ देतें हैं,जो हार्मोंन संतुलित रखें,कोलेस्ट्रॉल कम करें,मासिक चक्र नियमित रखे,किन्तु यह दवाईयॉ लम्बें समय तक लेना पड़ सकती हैं,अत : आयुर्वैदिक दवाईयों का सेवन करें ये दवाईयाँ शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं छोड़ती हैं.
० व्यायाम और योग उतना ही ज़रूरी हैं,जितना दवाईयाँ अत : नियमित रूप से तेरना,दोड़ना,नृत्य करना आदि करतें रहें.
० कपालभाँति, भस्त्रिका, सूर्यासन,मत्स्यासन करतें रहें.
० जवारें का जूस लेना चाहियें.
० पानी का पर्याप्त सेवन करनें से हार्मोंन लेवल संतुलित रहता हैं.
० अपनें स्वभाव को सकारात्मक चिंतन से सरोबार रखें .
० शांत, प्रसन्नचित्त और हँसमुख बनें ,प्रतिदिन ध्यान को अपनें जीवन का अंग बना लें.
० पंचकर्म क्या हैं
एंडोमेट्रियोसिस क्या हैं
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के प्रजनन तंत्र से संबंधित बीमारी हैं जिसमें महिलाओं के गर्भाशय में,पैल्विस,और अंडाशय में लाइनिंग बनने लगती हैं और इस तरह गर्भाशय, अंडाशय,और पैल्विस की मोटाई बढ़ने लगती हैं।
एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भाशय में बनने वाली लाइनिंग को एंडोमेट्रियल कहते हैं और इस बीमारी को एंडोमेट्रियोसिस कहते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस से महिलाओं को क्या समस्या हो सकती हैं
• गर्भधारण में परेशानी
• फेलोपियन ट्यूब में रुकावट
• अनियमित मासिक धर्म
• माहवारी से पहले पेडू में ऐंठन
• यौन संबंध के दौरान तेज दर्द
• बांझपन
• पैशाब या शोच के समय पेडू में दर्द
• बार बार गर्भपात होना
• थकावट महसूस होना
• हार्मोन के असंतुलन से शारीरिक क्रियाएं प्रभावित होना
• तनाव होना
• कामेच्छा के प्रति अरुचि
• शरीर में तेज दर्द
एंडोमेट्रियोसिस का कारण
• देर से विवाह
• आनुवंशिक कारण
• किशोर अवस्था के दौरान लड़कियों का अनियमित मासिक धर्म और मासिक धर्म के दौरान दर्द पर ध्यान न देना
• पैल्विक में चर्बी अधिक जमा होना
• मोटापा
• शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का अधिक स्तर
• खराब जीवनशैली
• महिलाओं द्वारा शराब, धूम्रपान का अधिक सेवन
एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भधारण क्यों नहीं होता हैं
जब महिला गर्भधारण के लिए तैयार होती हैं तो अंडाशय से अंडे निकलते हैं जो फेलोपियन ट्यूब में जाकर पुरुष के शुक्राणु से निषेचित होकर महिला की गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाते हैं और गर्भाशय में ही विकसित होना शुरू कर देते हैं किन्तु जब फेलोपियन ट्यूब में एंडोमेट्रियोसिस के कारण सूजन आ जाती हैं तो निषेचन में रूकावट पैदा हो जाती हैं और पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडाणु नहीं मिल पाते फलस्वरूप गर्भधारण नहीं हो पाता।
एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं
एंडोमेट्रियोसिस की शुरुआत अवस्था में आयुर्वेद चिकित्सा बहुत प्रभावी होती हैं एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार में निम्नलिखित दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
• अशोकारिष्ट
• अशोक छाल चूर्ण
• कुमारीआसव
• पुनर्नवारिष्ट
• हल्दी
• अदरक
• दशमूलारिष्ट
• पुष्यानुग चूर्ण
• सुपारी पाक
• पठानी लोध
• शतावरी
• माजूफल
इसके अलावा नियमित योग,गर्म पानी से स्नान, स्वस्थ आहार जिसमें हरी सब्जियां, मौसमी फल, दालें सम्मिलित हो से एंडोमेट्रियोसिस का आसानी से प्रबंधन किया जा सकता हैं।
यदि दवाओं से एंडोमेट्रियोसिस का इलाज संभव नहीं होता तो चिकित्सक सर्जरी की सलाह देते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं की गुणवत्ता पूर्ण जीवनशैली को प्रभावित करने वाली बीमारी हैं जिससे पूरी दुनिया में कामकाजी वर्ग की 9 करोड़ से अधिक महिलाएं ग्रसित हैं।और प्रतिवर्ष दो करोड़ से अधिक महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस की नई मरीज बन जाती हैं।
महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए मार्च में एंडोमेट्रियोसिस जागरूकता माह मनाया जाता हैं ताकि महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस बीमारी की गंभीरता को समझते हुए शुरुआती स्तर पर ही इस पर ध्यान देकर गुणवत्ता पूर्ण जीवन जीएं और शारीरिक आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनें
Author
Dr.P.K.vyas
BAMS,Ayurved Ratna
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