पालक |
पालक का संस्कृत नाम
पालक को संस्कृत में पालवय,स्निग्ध पत्र,ग्रामिणी ,मधुरा और सुपत्र नाम से जानतें हैं ।
पालक का लेटिन नाम
पालक को लेटिन भाषा में spinacia oleracea स्पेनेशिया ओलिरेसिया नाम से जानतें हैंं।
आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति
आयुर्वेद मतानुसार पालक शीतल ,मधुर स्निग्ध और तृप्तिकारक मानी जाती हैं ।
#पालक spinach में उपस्थित तत्व ::
#१. विटामिन ए
#२. विटामिन सी
#३. फोलिक एसिड़
#४. सोड़ियम
#५. आयरन
#६. मैगनीज
#७. पोट़ेशियम
#८.प्रोटीन
#९. कैरेटीनोएड़
#१०. डायटरी फायबर.
तथा अन्य सूक्ष्म तत्व.
पालक खाने के फायदे
#१. पालक spinach में पाया जानें वाला फ्लैवोनोएड़ बढ़ती उम्र के दुष्प्रभावों जैसें याददाश्त में कमी को नियत्रिंत कर मानसिक तंदुरूस्ती प्रदान करता हैं,इसके लियें आधे कप पालक spinach के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहियें.
#2. पालक spinach कब्ज को नष्ट करनें वाली अचूक दवा हैं,यदि कब्ज से परेशान हो तो रोज़ रात को भोजन के पश्चात बीस पालक पत्तियों को गाजर या मूली के साथ चबाकर खायें.
#3.आँखों से संबधित समस्या जैसे कम दिखाई देना,पानी आना,लाल होना आदि में पालक गाजर के साथ पीस लें और इसे सुबह शाम एक कप खाली पेट़ पीयें इस रस को आप आँखों में भी दो-दो बूँद डालते रहें.
#4. गर्भवती स्त्री यदि साबूत पालक का रस नियमित रूप से पीती हैं,तो सुरक्षित प्रसव के साथ संतान पूर्ण स्वस्थ होती हैं,और जन्म के साथ होनें वाला पीलिया नहीं होता हैं.साथ ही स्त्री को दूध पर्याप्त मात्रा में आता हैं.
#5. जिन माताओं को दूध नहीं आनें की समस्या हो उन्हे शतावरी के साथ पालक रस मिलाकर पीलायें.
#6. पालक spinach में उपस्थित एंटीआक्सीडेन्ट शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देता है,अत:जो व्यक्ति धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं,उन्हें पालक रस के साथ आँवला रस मिलाकर अवश्य सेवन करते रहना चाहियें.
#7. खून की कमी और पीलिया होनें पर पालक का रस अवश्य सेवन करना चाहियें इसके लिये पालक रस में शहद डालकर उपयोग करें.
#8. शरीर के खून को साफ रखनें में पालक रामबाण औषधि हैं,यदि पालक पत्तियाँ को उबालकर उबलें पानी में हल्दी, अदरक,ग्वारपाठा रस एक चोथाई मिलाकर सेवन करें.
#9. पालक spinach मधुमेह को नियंत्रित करती हैं,क्योंकि इसमें लिपोइक एसिड़ पाया जाता हैं,जो रक्त से शर्करा की मात्रा को घटाता हैं,अत: पालक को चबाकर नियमित रूप से खानें से मधुमेह नियत्रिंत होता हैं.
#10. घाव या फोडा होनें पर तथा चोंट,मोंच वाले स्थान पर पालक का लेप लगायें.
#11.सर्जरी के बाद पुन: तेजी से स्वस्थ होनें के लिये पालक मूंग की दाल के साथ सेवन करें.
#12.पालक spinach में ascorbic acid पर्याप्त मात्रा में होता हैं,अत: इसके डंठल को चबाकर खानें से पायरिया,मुँह की दुर्गंध और दांतो से संबधित सभी समस्या दूर होती हैं.
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#13.इसमें विटामिन सी और बीटा केरोटीन होता हैं,यदि सदियों में इसका सेवन नियमित अंतराल पर किया जावें तो जोड़ो की तक़लीफ और टी.बी.होनें की संभावना नगण्य रह जाती हैं.
#14.पथरी होनें पर पालक सेवन नुकसानदायक हो सकता हैं क्योंकि पालक में पाया जानें वाला "आक्सिलेट" शरीर के कैल्सियम के साथ मिलकर कैल्सियम आक्सिलेट में परिवर्तित हो जाता हैं । यह कैल्सियम आक्सिलेट पथरी का कारक होता हैं ।
इसके विपरित कैल्सियम की कमी वाले व्यक्तियों को पालक का सेवन लाभदायक सिद्ध होता हैं ।
#15.पालक के पत्तें palak KE patte बिना पानी के पीस लें और पालक का रस निकाल लें । लगभग 10 ML पालक का रस रात को पीनें से बवासीर की बीमारी समाप्त हो जाती हैं । यह प्रयोग सप्ताह में एक दो दिन करना चाहियें ।
#14.पथरी होनें पर पालक सेवन नुकसानदायक हो सकता हैं क्योंकि पालक में पाया जानें वाला "आक्सिलेट" शरीर के कैल्सियम के साथ मिलकर कैल्सियम आक्सिलेट में परिवर्तित हो जाता हैं । यह कैल्सियम आक्सिलेट पथरी का कारक होता हैं ।
इसके विपरित कैल्सियम की कमी वाले व्यक्तियों को पालक का सेवन लाभदायक सिद्ध होता हैं ।
#15.पालक के पत्तें palak KE patte बिना पानी के पीस लें और पालक का रस निकाल लें । लगभग 10 ML पालक का रस रात को पीनें से बवासीर की बीमारी समाप्त हो जाती हैं । यह प्रयोग सप्ताह में एक दो दिन करना चाहियें ।
#16.पालक के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीनें से फेफड़ों की सूजन, श्वास नली की सूजन समाप्त हो जाती हैं ।
#17.पालक का सेवन करने से निम्न रक्तचाप की समस्या बहुत जल्दी समाप्त हो जाती हैं । इसके लिए पालक का रस या पालक की सब्जी का सेवन करना लाभदायक होता हैं ।
#सावधानियाँ
#1.हमेशा रस या खानें वाली पालक ताजी हो इस बात का विशेष ख्याल रखें.
#2. उपयोग से पूर्व कुछ देर के लियें पालक को पानी में डूबोकर रख दें.
#3. पथरी की समस्या होनें पर पालक का सेवन न करें.
#4. पालक रस को लम्बें समय तक फ्रीज में ना रखें हमेशा ताजा ही रस प्रयोग करें.
#मेथी (fenugreek)
मेथी [fenugreek] |
मेथी fenugreek दो प्रकार की होती हैं, एक साधारण मेथी दूसरी कसूरी मेथी .साधारण मेथी तेजी से बढ़नें वाली होती हैं,वही कसूरी मेथी की बढ़वार धीमी होती हैं.मेथी की पत्तियाँ और बीजों का सब्जी तथा औषधि के रूप में प्रयोग होता हैं.
#पाये जानें वाले पोषक तत्व
प्रति सौ ग्राम हरी मेथी और बीज़ में पाये जानें वालें तत्व
हरी पत्ती
नमी. प्रोटीन. वसा. रेशा. कार्बोहाइड्रेट. ऊर्जा.
86.1. 4.4. 0.9. 1.1. 6.0gm. 49 kg/cal.
आयरन. विटामिन B-2. विटामिन C कैल्सियम
19.3mg. 0.3mg. 53. 395
बीज
नमी. प्रोटीन. वसा. रेशा. कार्बोहाइड्रेट.
8.8. 23. 7. 10 . 58.4
ऊर्जा कैल्सियम. आयरन. विटा.B-2.
323. 175. 34. 2.0.
विटा.c
3.0.
इसके अलावा मेथी fenugreek में वाष्पशील तेल, स्थिर तेल, स्टेराइड यौगक फेनूग्रीकाइन,ट्राइगोनेलाइन,डाइओस्जेनिन,कोलाइन एँव मोलानिक एसिड़ पायें जातें हैं.
इसके अलावा मेथी fenugreek में वाष्पशील तेल, स्थिर तेल, स्टेराइड यौगक फेनूग्रीकाइन,ट्राइगोनेलाइन,डाइओस्जेनिन,कोलाइन एँव मोलानिक एसिड़ पायें जातें हैं.
#उपयोग::-
#1. मेथी fenugreek के बीज का चूर्ण एक-एक सुबह शाम खाली पेट़ लेने से मोट़ापा कम हो जाता हैं.
#2. मधुमेह (Diabetes) होनें पर मेथी के ढंठल को बारीक चूर्ण बना ले इस चूर्ण को भोजन पश्चात सुबह शाम लेते रहनें से मधुमेह नियत्रिंत रहता हैं.
#3. मेथी fenugreek की सूखी हुई पत्तियों में एल्कलाइड़ बहुतायत पाया जाता हैं,जो भूख बढ़ाता हैं,और शरीर से विषेले पदार्थों को बाहर निकालता हैं.
#4. इसकी सूखी पत्तियों की सब्जी गर्मीयों में शरीर को शीतलता प्रदान करती हैं.
#5. मेथी fenugreek की पत्तियों को उबालकर इसके बचे हुयें पानी से बाल धोनें पर बालों का झड़ना बंद हो जाता हैं.
#6. पीलिया होनें पर कच्ची गीली पत्तियाँ मिस्री के साथ खिलानें से पीलिया रोगी शीघृ स्वस्थ हो जाता हैं.
# 7.मेथी में पाया जानें वाला डाइओस्जीन स्टेराइड़ उत्तम गर्भ निरोधक हैं.इसके लिये मेथी बीज पीसे हुयें दो-दो चम्मच सुबह शाम आधा चम्मच हल्दी मिलाकर लें.
#8.मेथी के बीजों को पीसकर सरसों तेल मिलाकर मोच वाले स्थान पर रखनें से मोच शीघृता से ठीक हो जाती हैं.
#9. खून की कमी वाली गर्भवती स्त्रीयों को लोहे की कढ़ाई में सब्जी बनाकर खिलाते रहनें से खून की कमी अतिशीघृ दूर हो जाती हैं.
#10.मेथी fenugreek के बीजों को पीसकर गर्म पानी के साथ पेस्ट बना लें,यह पेस्ट नहानें के एक घंटा पूर्व बालों में लगानें से रूसी [Dandruff] की समस्या समाप्त हो जाती हैं.#11.सुखी हुई मेथी fenugreek में एक विशेष किस्म की खूशबू पायी जाती हैं,जो कई मानसिक समस्याओं जैसें डिमेंसिया,मिर्गी और चक्कर का बहुत ही प्रभावी इलाज हैं,इसके लिये इसके सुखे हुई पत्तियों को नियमित रूप से सूंघना चाहियें.
० गिलोय के फायदे
० बैंगन के औषधीय उपयोग
० पलाश वृक्ष के औषधीय गुण
० पेरासोम्निया का इलाज
० पलाश वृक्ष के औषधीय गुण
० पारस पीपल के औषधीय गुण
० धनिया के फायदे
मेथी में औषधीय गुण पाए जाते हैं। मेथी दाने का पेस्ट बालों में लगाने से बालों में मजबूती आती है, साथ ही बाल झड़ने की समस्या से राहत मिलती है। #JansamparkMP pic.twitter.com/9U2cKAB0b1
— Ayush Department, MP (@ayush_mp) April 19, 2023
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