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Balanced diet संतुलित आहार के चमत्कार को जानियें

#संतुलित आहार क्या हैं



संतुलित आहार से तात्पर्य उस आहार से हैं,जो मानव के समग्र विकास के लिये आवश्यक होता हैं,इनमें शामिल हैं कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, खनिज़ लवण और सूक्ष्म पोषक तत्व .यदि इन तत्वों में से किसी भी तत्व की कमी शरीर में होती हैं,तो उसका प्रभाव शरीर पर बीमारीं के रूप में होता हैं.



भारत सहित दुनिया के विकसित विकासशील ,अल्पविकसित राष्ट्र गंभीर रूप से इस समस्या से ग्रसित हैं. आईयें जानतें हैं,कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को जो आहार को संतुलित (balanced) बनातें हैं.





#1. कार्बोहाइड्रेट ( carbohydrate).






कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा प्रदान करनें वाला आधारभूत तत्व हैं. यह गेंहू,चावल और अनाज वर्गीय फसलों में बहुतायत में पाया जाता हैं. इसकी कमी से शरीर कमज़ोर, कृशकाय ,और क्षीण होता जाता हैं.अत: इसका शरीर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान हैं.

  #2. विटामिन ( vitamin)





विटामिन शरीर की "metabolism " क्रिया को नियत्रिंत करनें में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करतें हैं,ये उत्तकों  " tissue" की मरम्मत तथा नयें उत्तकों (tissue) का निर्माण करतें हैं.कुछ महत्वपूर्ण विटामिन निम्नलिखित हैं.

A. विटामिन " A"




 विटामिन को रेटिनाल भी कहतें हैं,इसकी कमी से रंतौधी नामक बीमारीं हो जाती हैं,जिससे रात में दिखाई नहीं देता आँखों के समुचित विकास के लियें ये महत्वपूर्ण विटामिन हैं.इसके अलावा शरीर की त्वचा रूखी और खुरदरी हो जाना ,शरीर का विकाश रूक जाना इसकी कमी के लक्षण हैं.ये विटामिन मछली के तेल,दूध,अंड़ा (egg) ,पीलें फलों जैसे पपीता और गाजर में प्रचुरता से पाया जाता हैं.







B.विटामिन "B Complex"





 विटामिन  B complex अनेक विटामिनों का समूह हैं,जिसमें विटामिन  B 1 ,B 2, B 3, B 5, B 6, B 12, तथा फालिक एसिड़ समूह सम्मिलित हैं.इन विटामिनों की कमी से बेरी- बेरी,पेलाग्रा,रक्त की कमी,तथा मानसिक बीमारींयाँ हो जाती हैं. ये विटामिन हरी पत्तेदार सब्जियों,मांस,दूध,फलों में पाया जाता हैं.इनकी निश्चित मात्रा शरीर के विकास के लियें आवश्यक हैं.






C.विटामिन डी(D)



हड्डीयों के निर्माण और मज़बूत माँसपेशियों के लिये ये विटामिन अति आवश्यक हैं,हमारा शरीर इसका निर्माण सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में कर लेता हैं











C.विटामिन "E"



ये विटामिन टेकेफेरोल के नाम से जाना जाता हैं . 
कमी से बाँझपन,गर्भपात,गंजापन जैसी समस्यायें पैदा हो जाती हैं.मूँगफली,सरसो सूर्यमुखी में यह विटामिन उपस्थित रहता हैं.






D. विटामिन "K"



इसे फाइलोक्विनाँन कहते हैं,इसकी कमी से रक्त का थक्का नहीं जम पाता हैं.



E.विटामिन C



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यह विटामिन "ascorbic acid" के नाम से जाना जाता हैं,इसकी कमी से स्कर्वी ,जल्दी थकावट़,मसूड़ों से खून आना,रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना जैसी समस्या हो जाती हैं.ये विटामिन आवँला, अमरूद,निम्बू जैसे खट्टें फलों में पाया जाता हैं.






#2. प्रोटीन "protein"



प्रोटीन अमीनों अम्ल (amino acid) से मिलकर बना जट़िल योगिक हैं.इसकी कमी से बच्चों में प्रोटीन कुपोषण ,मरास्मस, क्वाशियोरकर( kwashiorkor) ,तथा रोग प्रतिरोधकता कम हो जाती हैं.दालों,सोयाबीन,दूध, काजू ,बादाम ( almond),अखरोट़ में बहुतायत में पाया जाता हैं.




#3. वसा "fat"



वसा शरीर को सुंदर,सुड़ोल रख ऊर्जा प्रदान करती हैं.वसा की अधिक ओर कम दोनों मात्रा घातक होती हैं ,प्रतिदिन   40  से 60 ग्राम वसा एक स्वस्थ व्यक्ति के लियें आवश्यक हैं.यह वसा हमें मक्खन(Butter),घी,दूध (Milk) आदि पदार्थों से प्राप्त होती हैं.





#4 . खनिज़ लवण 






"Metabolism"  क्रियाओं को संचालित करनें में खनिज़ लवणों का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं.सोड़ियम(sodium),पोटेशियम (potassium), मेग्नेशियम(magnisium),कैल्सियम(Calcium),आयोड़िन(Iodine),लोहा(Iron), जिंक(Zink),कोबाल्ट(Cobalt) आदि तत्व शरीर के विकास के लिये अति आवश्यक हैं.कुछ खनिज़ जैसें दाल,अनाज आदि अम्लीय होतें हैं वहीं कुछ क्षारीय होतें हैं जैसें सब्जी,कँद वालें खाद्य पदार्थ आदि.ये खनिज़ शरीर का रक्त दबाव का संतुलन भी बनाते हैं.





#5. पानी "Water"






पानी हमारें शरीर की बुनियाद हैं,यदि शरीर में पानी का आवश्यक स्तर नहीं होगा तो उपरोक्त तत्वों का परिवहन बाधित(Restricted) होगा.अत: शरीर के संतुलित विकास और विषेलें तत्वों(Toxic) को बाहर निकालनें में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हैं.एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन एक से दो लीट़र पानी अवश्य पीना चाहियें.







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