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जीका वायरस [Zika virus] से बचाव के आयुर्वेदिक नुस्खे

जीका वायरस क्या होता है Zika virus 

"जीका वायरस" flaviviridae कुल का वायरस हैं, जो कि "aedes aegypti" मच्छर के शरीर में मोजूद रहता हैं, यदि संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता हैं,तो वह व्यक्ति जीका वायरस की चपेट में आ जाता हैं.यह वायरस लैंगिक सम्पर्क से भी फैलता हैं.

जीका वायरस Zika virus का इतिहास

Zika virus पहली बार अफ्रीकी देश युगांडा में सन् 1947 में बंदरों में पाया गया था, जबकि मानवों में इसका सबसे पहला संक्रमण सन् 1952 में युगांडा में ही पाया गया था। 

जीका वायरस एक महामारी के रूप में सन् 1960 और 1980 के दशक में अफ्रीका, एशिया, अमेरिका और प्रशांत महासागर के निकटवर्ती देशों में फैला था।

जीका वायरस के लक्षण


जीका वायरस का प्रभाव डेँगू से पीड़ित व्यक्ति के समान होता हैं,अत: कभी -कभी डेँगू और जीका वायरस से पीड़ित व्यक्ति में  बिना विस्तृत जाँच के भेद कर पाना चिकित्सा जगत के लियें थोड़ा मुश्किल हैं. फिर भी कुछ सामान्य लछण निम्न हैं

१.सम्पूर्ण शरीर पर लाल दानें .

२. जोंड़ों में दर्द के साथ हल्का से तेज बुखार.

३.माँसपेशियों में खिंचाव.

४.आँखों के आसपास तेज दर्द.

५.सिरदर्द.

६. उल्टी और जी मचलाना.

७.आँखों में सूजन और लाल होना.

इस "वायरस" का के प्रभाव से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का आकार असामान्य रूप से बाधित होकर छोटा रह जाता हैं.और अन्य तरह की न्यूरोलाजिकल समस्याएं भी उभर सकती है जैसे गुरियन बेरी सिंड्रोम।  अत:यह एक विचित्र वायरस हैं जो समय के साथ अपनी प्रकृति में बदलाव भी ला रहा हैं.
मच्छर,जीका वायरस का कारण


क्या जीका वायरस कोरोनावायरस की तरह खतरनाक है

Zika virus का संक्रमण का 2 से 7 दिन होता है अर्थात संक्रमित मच्छर के काटने के 2 से 7 दिन बाद जीका के लक्षण प्रकट होते हैं,जीका वायरस मनुष्य के लिए कोरोनावायरस की तरह खतरनाक नही होता है। जीका वायरस होने के बाद साधारण उपचार से यह आसानी से ठीक हो जाता है, बहुत ही कम लोगों को गंभीरता के आधार पर अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है।



जीका वायरस से बचाव के आयुर्वेदिक नुस्खे


इस रोग का अभी तक कोई सर्वमान्य उपचार विकसित नहीं किया गया हैं सिर्फ लाक्षणिक चिकित्सा उपलब्ध हैं आयुर्वैद चिकित्सा में कुछ योग हैं जिनकी सहायता से बीमारीं पर प्रभावी रूप से काबू पाया जा सकता हैं.जैसे::-

१.गिलोय का रस या वटी.

२. सुदर्शन चूर्ण या वटी.

३.पपीता की पत्तियों का रस.

४.काली मिर्च,तेजपान,तुलसी,हल्दी (Turmeric),शहद को मिलाकर बनाया गया काढ़ा.

५.जवारें ,"एलोवेरा" व आंवला का रस.

इसके अलावा यदि स्वस्थ व्यक्ति प्राणायाम, अनुलोम - विलोम  ,कपालभाँति नियमित रूप से करें तो रोग प्रतिरोधकता इतनी बढ़ जावेगी  कि मनुष्य आसानी से रोग से लड़ लेगा.

Zika virus से बचाव के तरीके

दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ और विश्व स्वास्थ संगठन w.h.o जीका वायरस से बचाव हेतू व्यक्तिगत और सामाजिक स्वच्छता को दैनिक जीवन में अपनाने की बात कर रहे हैं, इसके लिए

1.मच्छरों को घर के आसपास पनपने न दें।

2.बरसात के दिनों में घर की छत पर रखें उन सभी सामानों को हटा दें जिनमें पानी इकट्ठा हो सकता है और मच्छर पनप सकतें हैं।

3.जीका वायरस के लिए उत्तरदाई एडीज मच्छर दिन के समय विशेषकर शाम होने से पहले सक्रिय होते हैं अतः इस समय मच्छरों से विशेष सावधानी बरतें।

4.जीका वायरस फैलाने वाले एडीज मच्छर सफेद धारीयों वाले होते हैं अतः दिन के समय इस प्रकार के मच्छर दिखाई देने पर मच्छर पैदा होने के स्रोत को पहचाने और उसे नष्ट करें।

जीका वायरस से बचाव हेतू सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें।

5.जीका वायरस संक्रमित व्यक्ति के साथ योन संबंध स्थापित करने से भी फैलता है अतः जीका वायरस संक्रमित व्यक्ति से योन संबंध स्थापित करने से बचें।

6.जीका वायरस के लक्षण प्रकट होने पर तुरंत जांच और उपचार कराएं।



० नीम के औषधीय उपयोग



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