कैंसर विश्व की सबसे प्रचलित और भयावह बीमारींयों में से एक हैं. आज यह बीमारीं महामारी के रूप में फैल रही है,अभी भी यह बीमारीं चिकित्सा शास्त्रीयों के लिये असाध्य बनीं हुई है.यदि आरम्भिक अवस्था में इसबीमारीं का पता लग जावें तब ही इसकी प्रभावीरोकथाम संभव है,अन्यथा यह बीमारीं मोत तक पीछा नहीं छोड़ती है.आज सौ से अधिक प्रकार का कैंसर चिकित्सा शास्त्रीयों ने खोज लिया है,कैंसर वास्तव में शरीर की कोशिकाओं का असामान्य रूप से बढ़ना हैं.
कारण::-
कैंसर के जितनें भी कारण है उनमें अधिकांशत: मानवजनित या जीवनशैली से संबधित है जैसे
१.तम्बाकू --यह विश्व में कैंसर का सर्वप्रमुख कारक है,लगभग ३५ % कैंसर तम्बाकू के प्रयोग से ही होते है.
२.मोटापा, मोबाइल रेड़िएशन,खाद्य पदार्थों में प्रयुक्त कृत्रिम रंग.
३.आनुवांशिक कारणों से, प्रदूृषण,शारीरिक अक्रियाशीलता.
४.सूर्य से निकलनें वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से.
३.आनुवांशिक कारणों से, प्रदूृषण,शारीरिक अक्रियाशीलता.
४.सूर्य से निकलनें वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से.
लक्षण ::-
१.शरीर के किसी भी भाग में गांठ का होना जो लम्बें समय से ठीक नहीं हो रही हो.
२.रक्त कैंसर की दशा में खून न बनना,चक्कर, उल्टी होना.
३.त्वचा कैंसर में त्वचा निकलना, फट़ना,खुजली आदि अन्य कारण.
४.वज़न अचानक कम होना.
कैंसर का सर्वमान्य आधुनिक चिकित्सा में बहुत मँहगा और कष्टदायक हैं, यदि हम अन्य उपचार पद्धति के साथ आयुर्वैद चिकित्सा को समानांतर रख और जीवनशैली को नियमित रखकर कैंसर का प्रबंधन करें, तो निश्चित रूप से बेहतर जीवन जी सकते हैं.
१.कैंसर रोगी को हर रोज़ जवारें का जूस पीना बहुत रहता हैं.
२.लहसुन कली कच्ची रोज़ सुबह उठकर खाना चाहियें.जानकारों के मुताबिक रोज़ लहसुन खानें से कैंसर होनें की संभावना 80% कम की जा सकती हैं,क्योंकि लहसुन में अलिसन नामक रसायन होता हैं,जो कैंसर होनें की संभावना समाप्त करता हैं.
३.पुर्ननवा, शिलाजित, एकांगवीर रस को मिलाकर वटी बना ले इसे तीन समय दो दो वटी के हिसाब से लें.
४.शरीर के प्रतिरोधकता बढ़ानें के लिये च्वनप्राश दो चम्मच सुबह के समय दूध के साथ लें.
५.पानी रोज़ बारह से पन्द्रह गिलास पीना चाहियें.
६.भोजन में अस्सी प्रतिशत सब्जी और सलाद होना चाहियें शेष बीस प्रतिशत ही अनाज और दालें लें.
७.योग कैंसर में बहुत फायदेमंद होता है,कपालभाँति, प्राणायाम,भस्त्रिका के अलावा योग विशेषञ द्वारा सुझाई गई योग क्रियायें नियमित रूप से करतें रहें.
८.हँसना ईश्वर ने सिर्फ मनुष्य को दिया हैं अतः खूब हँसे प्रसन्नचित रहें.
९.जमीकंद कैंसर रोग में बहुत उपयोगी हैं,क्योंकि इसमें पाया जानें वाला एन्टीआक्सीडेन्ट,बीटा कैरोटीन,और विटामिन सी कैंसर का कारण बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ता हैं.
१०. कैंसर रोग में देशी गाय का दूध बहुत उपयोगी हैं,अत: इसका नियमित इस्तेमाल करना चाहियें.
११.अश्वगंधा में एक विशेष प्रकार का योगिक पाया जाता हैं,जो कैंसर कोशिकाओं को मारनें का काम करता हैं.अत: कैंसर होनें पर इसका सेवन अवश्य करना चाहियें.
१२.कैंसर कोशिकाओं की बढ़त रोकनें में आँवला बहुत प्रभावकारी माना जाता हैं,आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार इसमें उपस्थित एन्टी आक्सीडेन्ट तत्व शरीर की प्रतिरोधकता बढ़ानें के साथ शरीर से विषाक्तता को बाहर निकालता हैं.
१३.हल्दी में कुरकुमिन नामक तत्व पाया जाता हैं,यह तत्व कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करनें का कार्य करता हैं,अत: हल्दी का नियमित सेवन कैंसर में बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं.
१४.कटहल के बीज,पत्तियाँ एँव फलों में कैंसर कोशिकाओं बढ़नें से रोकनें वालें गुण पाये जातें हैं,अत: कटहल का नियमित सेवन कैंसर रोग में बहुत फायदा पहुँचाता हैं.
१५.पूरी पकी हुई जंगली घास के दस बारह टुकड़ें कर एक गिलास पानी में उबालें जब पानी एक चौथाई रह जावें तो हल्दी डालकर सेवन करवायें,कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करनें वाला अद्भूत योग हैं.
९.जमीकंद कैंसर रोग में बहुत उपयोगी हैं,क्योंकि इसमें पाया जानें वाला एन्टीआक्सीडेन्ट,बीटा कैरोटीन,और विटामिन सी कैंसर का कारण बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ता हैं.
१०. कैंसर रोग में देशी गाय का दूध बहुत उपयोगी हैं,अत: इसका नियमित इस्तेमाल करना चाहियें.
११.अश्वगंधा में एक विशेष प्रकार का योगिक पाया जाता हैं,जो कैंसर कोशिकाओं को मारनें का काम करता हैं.अत: कैंसर होनें पर इसका सेवन अवश्य करना चाहियें.
१२.कैंसर कोशिकाओं की बढ़त रोकनें में आँवला बहुत प्रभावकारी माना जाता हैं,आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार इसमें उपस्थित एन्टी आक्सीडेन्ट तत्व शरीर की प्रतिरोधकता बढ़ानें के साथ शरीर से विषाक्तता को बाहर निकालता हैं.
१३.हल्दी में कुरकुमिन नामक तत्व पाया जाता हैं,यह तत्व कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करनें का कार्य करता हैं,अत: हल्दी का नियमित सेवन कैंसर में बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं.
१४.कटहल के बीज,पत्तियाँ एँव फलों में कैंसर कोशिकाओं बढ़नें से रोकनें वालें गुण पाये जातें हैं,अत: कटहल का नियमित सेवन कैंसर रोग में बहुत फायदा पहुँचाता हैं.
१५.पूरी पकी हुई जंगली घास के दस बारह टुकड़ें कर एक गिलास पानी में उबालें जब पानी एक चौथाई रह जावें तो हल्दी डालकर सेवन करवायें,कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करनें वाला अद्भूत योग हैं.
इन बातों के अतिरिक्त पारिवारिक माहोल,अपने आस पड़ोस का माहोल सकारात्मक रखें कैंसर कोई छूत की बीमारीं नहीं है.मरीज़ को होसला दे हिम्मत दें ताकि बीमारीं का डटकर मुकाबला किया जा सकें.
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